परम संत सतगुरु जयगुरुदेव जी महाराज का नवीनतम अन्तर्घट सन्देश :
सतगुरु जयगुरुदेव : | दिनांक : 14 दिसम्बर 2014 | |
सतगुरु जयगुरुदेव : परम संत सतगुरु जयगुरुदेव जी महाराज की दया मेहर से गुरु भाई अनिल कुमार गुप्ता जी का सत्संग आज दिनांक (१४/१२/२०१४) को कानपुर सिटी में हुआ | गुरु भाई अनिल कुमार गुप्ता जी ने गुरु महाराज का आंतरिक नवीनतम हुक्म सुनाया साथ ही साथ गुरु भाई अनिल कुमार गुप्ता जी को मालिक अंतर में सत्संग बताते रहे और जो गुरु भाई अनिल कुमार गुप्ता जी को मालिक सत्संग अंतर में बताते रहे वही सत्संग गुरु भाई अनिल कुमार गुप्ता जी ने सभी सत्संगियों को सुनाया | ऐसा रूहानी सत्संग इस समय केवल परम संत सतगुरु जयगुरुदेव जी महाराज की दया मेहर और उन्ही के हुक्म से गुरु भाई अनिल कुमार गुप्ता जी सुना रहे है और जहाँ सत्संग होता है वहां सभी गुरु भक्तो को गुरु महाराज अंतर में वहीँ सत्संग स्थल पर अनुभव भी कराते हैं |
|| सतगुरु जयगुरुदेव || | ||
सतगुरु जयगुरुदेव जी महाराज का नवीनतम अन्तर्घट सन्देश : | ||
सतगुरु जयगुरुदेव : | ||
अखंड रूप से विराजमान स्वामी जी महाराज का अंतर्घट सन्देश : गुरु महाराज ने गुरु भाई अनिल कुमार गुप्ता ग्राम बड़ेला, पोस्ट - तालगांव, तहसील - रुदौली, जिला - फैज़ाबाद, उत्तर प्रदेश, भारत को अंतर्घट सन्देश लिखवाया: | ||
सतगुरु दीन गरीबी में मिलते, नहीं धनियों के साथ | सत का सागर सीतल सुन्दर, सत में मल क्या लाख | साथ रखे जो संत सतगुरु से, वाही शिस्य अभिलाष | सुन्दर बन सुन्दर जगमग जग ज्योति, सतगुरु दया के साथ | प्रीतम मालिक शब्द सनेही, सुरत सुहागिन नाथ | नाद साध एक लड़ी पिरोवैं, यही संत का साथ | आत्मसात और ज्ञान के सागर, सतगुरु दीना नाथ | शीश झुकावो गुरु चरणन में, तभी तो बने कोई बात | || सतगुरु जयगुरुदेव || | ||
गुरु मालिक का सेवादार जयगुरुदेव मंदिर, ग्राम- बड़ेला, पोस्ट - तालगाँव, तहसील - रुदौली, जिला - फैज़ाबाद, उत्तरप्रदेश, भारत संपर्क नो :09651303867 संपर्क सूत्र : 09711862774, 07042343282, 08004021975, 09990313635, 08800228964, 07052705166 |
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सतगुरु जयगुरुदेव जी महाराज का नवीनतम अन्तर्घट सन्देश : | ||
सतगुरु जयगुरुदेव : | ||
अखंड रूप से विराजमान स्वामी जी महाराज का अंतर्घट सन्देश : गुरु महाराज ने गुरु भाई अनिल कुमार गुप्ता ग्राम बड़ेला, पोस्ट - तालगांव, तहसील - रुदौली, जिला - फैज़ाबाद, उत्तर प्रदेश, भारत को अंतर्घट सन्देश लिखवाया: | ||
|| रघुमणी खानय पापमत नाशा, मनमुख वास जहाँ रहे आशा || मनमुखी ,गुरुमुखी जीव में बहुत अंतर होता है | मनमुखी के- अडम्बर में फसे जीव का कल्याण नहीं होता | बल्कि लेन - देन का कर्म कर्जा बन जाता है | यह कई जन्मों में निपटता है या खत्म होता है | संत सतगुरु के शरणागत जीव जब कही फंस जाते है तब उन्हें ठोकर लगती है | उसे गुरु होश दिलाता है | फिर से एक बार विशवास जगाता है | नहीं सम्भलने पर उसकी खूब रगड़ाई होती है | अपने अंदर हर घट में घाट पर सचर सतगुरु हर क्षण हाजिर है | जीव मात्र, अपने को निमित मात्र होकर, श्रद्धा भाव से, अपने मालिक की वन्दना करने पर, सब प्रकार की दया प्राप्त हो जाती है | और भविष्य के कार्य सोच समझ कर करता है | रघुपति नाम सतगुरु जानही संत भेद संत ही साने, मूल्य भेद का मूल्य निदाना संत कृपा शिष्य सब जाना, संगत संत पर होय निवारी , आवे अंतर दया बयारी भेद , शोध , संतन अधीना, नाम भजन कर सब जन चिन्हा नर पति नाम जगावे जगलो, नाम भेदना मिलेगा तबलो नाम नयन नामी एक रेखा, सतगुरु दया मेहर से देखा संत शिरोमणी मुक्ति का निजधाम, सतगुरु आज्ञा के बिना नहीं बनेगा काम|| || सतगुरु जयगुरुदेव || | ||
गुरु मालिक का सेवादार जयगुरुदेव मंदिर, ग्राम- बड़ेला, पोस्ट - तालगाँव, तहसील - रुदौली, जिला - फैज़ाबाद, उत्तरप्रदेश, भारत संपर्क नो :09651303867 संपर्क सूत्र : 09711862774, 07042343282, 08004021975, 09990313635, 08800228964, 07052705166 |
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सतगुरु जयगुरुदेव जी महाराज का नवीनतम अन्तर्घट सन्देश : | ||
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अखंड रूप से विराजमान स्वामी जी महाराज का अंतर्घट सन्देश : गुरु महाराज ने गुरु भाई अनिल कुमार गुप्ता ग्राम बड़ेला, पोस्ट - तालगांव, तहसील - रुदौली, जिला - फैज़ाबाद, उत्तर प्रदेश, भारत को अंतर्घट सन्देश लिखवाया: | ||
दीप प्रज्वालित अंतर माहि होय | सब सतगुरु की दिव्य दीपावली को जोय|| नाम दीप शिखर में, सतगुरु मन विचरण माला, कुंज रज कण भान प्रकाश || अंतर में सुर्यमुख दीपावली गुरु संग होती है | चौहुंदिश मंडल सूर्य दीपमाला से सुसज्जित है | सतगुरु महासिंहासन विराजमान रहते हैं | अदभुद नजारे का वर्णन नहीं हो सकता | सतगुरु कृपा से जो प्रेमी उस दिव्य अलौकिक मंडल गुरु के द्वारे गए | उन्ही को पता चला | फिर गुरु हुकुम से प्रेमियों को सतगुरु का हुकुम सुनाया | जो मानते गए ओ माला माल होते गए | जिन्होंने विरोध किया ओ कंगाल हो गए | जिस तरह निंदा की उसी तरह गुरु की कृपा नहीं मिली | जिन्होंने सतगुरु का हुकुम माना तब उसे गुरु की कुछ कृपा मिली तो आप को बता रहा है | श्रद्धा से सुनों गुनो जो अच्छा लगे ले लो न लगे निकाल फेको, पर निंदा मत करो | सभी साधक प्रेमियों को चाहिए की ओ और को न देखें | अंतर्घट में घाट पर सतगुरु से प्रश्न करें सच्चे मन से, प्रश्न का सतगुरु ततक्षण जबाब देंगे | पर कोई दूसरा गुरु और तुम्हारे बीच न हो | शून्य स्थित में जब तुम्हें बोध शरीर का न हो , तभी कुछ समझ में आएगा || ब्रह्मलीन तम ज्ञान है , पारब्रह्म महिखान || नाम नयन सतगुरु पिया , यही सच्चा जान || अखण्डरूप से विराजमान हर प्रकार से हाजिर नाजिर हर प्रकार से दया मेहर इस दीपावली पर सब प्रेमियों पर बरसे || | ||
भारत एवं विश्व के समस्त गुरु भक्त - भाई - बहन को दीपावली की शुभकामना || गुरु मालिक का सेवादार जयगुरुदेव मंदिर, ग्राम- बड़ेला, पोस्ट - तालगाँव, तहसील - रुदौली, जिला - फैज़ाबाद, उत्तरप्रदेश, भारत संपर्क नो :09651303867 संपर्क सूत्र : 09711862774, 07042343282, 08004021975, 09990313635, 08800228964, 07052705166 |
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सतगुरु जयगुरुदेव जी महाराज का नवीनतम अन्तर्घट सन्देश : | ||
सतगुरु जयगुरुदेव : | ||
अखंड रूप से विराजमान स्वामी जी महाराज का अंतर्घट सन्देश : गुरु महाराज ने गुरु भाई अनिल कुमार गुप्ता ग्राम बड़ेला, पोस्ट - तालगांव, तहसील - रुदौली, जिला - फैज़ाबाद, उत्तर प्रदेश, भारत को अंतर्घट सन्देश लिखवाया: | ||
********************** नाम बड़ा गुरु खानी है समझ कर लोय | पुरे संत आधार है पद ग्रहण कर लोय|| ********************** मूक की तरह "नाम" को लेकर उसका प्रमाण न जानना सबसे बड़ी भूल है | "नाम" प्रमाण सतगुरु का तत्क्षण मिलता है | जो वक़्त के नामी के गुरु की अमूल्य दौलत होती है | नाम सिंधु साधक साधना में अपने पूरे गुरु के बल से सुध धुर की रखता है | वो यहाँ गुरु आज्ञा के अनुसार कार्य करता और करवाता भी है | जिसका पूरा प्रमाण संगत होती है | जब संगत को दया मिली, फ़ौरन गुणगान करते है उन्हें तो गुरु हुकुम हो चुका | पहले भी यही हुआ जिसने पाया उसी ने गाया | अनुभव एक आध्यात्मिक पूँजी गुरु की दौलत है | जो गुरु कृपा से ही होती है| जिसके लिए अंतर में आदेश कर दे वही बोलेगा | "गुरुवाणी" - वाणी तो सर्वव्यापी सतगुरु की है उसे कोई मानव कैसे काट सकता है | यह गुरु की दया कृपा है | जिससे चाहे जितना उतना काम ले लेते है | इसमें एक दूसरे से इर्ष्या - द्वेष नहीं होना चाहिए | "भजन" गुरु का दिया हुआ अमृत वरदान है | सतगुरु जयगुरुदेव ********** अंतर्घट प्रार्थना ********** मन मस्त मग्न मन गाना , सतगुरु में लगन लगाना सचधाम के सच्चे मालिक, सत्य सिंध दया बरसाना मन मस्त मगन मन गाना मिले भाव श्रद्धा वश मोती ,जिससे है सुरतियाँ धोती इस भाव के वश बह जाना, मन मस्त मग्न मन गाना सतगुरु में लगन लगाना है धुर के मालिक सतगुरु दे नाम भेद बतलाई जब चढ़ी सुरतियाँ अम्बर तब दिव्य भेद दिखलाना मन मस्त मग्न मन गाना,सतगुरु में लगन लगना धर धर यह अधर में होवे ,नाम पुंज दीवाना मन मस्त मगन मन गाना सतगुरु में लगन लगाना मिले नाम भजन के मोती जिससे है सूरत मेरी धोती इस नाम को है हमको गाना मन मस्त मगन मन गाना मानव धर अगम शरीरा काटे है मन की पीड़ा इस बंधन से छूट जाना मन मस्त मगन मन गाना सतगुरु में लगन लगाना मिले नाम अनाम के स्वामी जो सचर है अंतरयामी इन्ही के संग है जाना मन मस्त मगन मन गाना सतगुरु में लगन लगाना है पाँच नाम के मोती ,लड़ियों में सबको पिरोती सतगुरु का नाम है जाना मन मस्त मगन मन गाना सतगुरु में लगन लगाना सतगुरु जयगुरुदेव | ||
गुरु मालिक का सेवादार जयगुरुदेव मंदिर, ग्राम- बड़ेला, पोस्ट - तालगाँव, तहसील - रुदौली, जिला - फैज़ाबाद, उत्तरप्रदेश, भारत संपर्क नो :09651303867 संपर्क सूत्र : 09711862774, 07042343282, 08004021975, 09990313635, 08800228964, 07052705166 |
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सतगुरु जयगुरुदेव जी महाराज का नवीनतम अन्तर्घट सन्देश : | ||
सतगुरु जयगुरुदेव : | ||
अखंड रूप से विराजमान स्वामी जी महाराज का अंतर्घट सन्देश : गुरु महाराज ने गुरु भाई अनिल कुमार गुप्ता ग्राम बड़ेला ,पोस्ट - तालगांव, तहसील - रुदौली, जिला - फैज़ाबाद, उत्तर प्रदेश को अंतर्घट सन्देश लिखवाया: | ||
************************* कुन्ज कंज रज नाम मणि जागे ज्ञान प्रकाश | बिंदु सिंधु एक वारि है ,लागे नाम आधार || ************************* नाम सतगुरु कृपा का मुख्य स्रोत है| गुरु दया कृपा से प्रेमी साधक ,साधना में बैठ सर्व प्रथम गुरु को सच्चे मन से याद करता है| तब सतगुरु अंतर में बिंदु प्रकाश के समान प्रकट होते है| धीरे धीरे सुरत उस बिंदु को देखते हुए उसमे रत होती है ,और आगे को बढ़ती है| घाट पार पहली मंजिल की क्यारियों को देखती है स्वर्ग क्या है ,बैकुंठ क्या ,शिवपुरी क्या ,अदभुत नज़ारे गुरु कृपा से देखती है और पकती हुयी उस त्रिलोक की खिलकत को देखती है| उसे अपने पुरे सतगुरु का बोध होता जाता है ,की "मै किसकी कृपा से यहाँ आई ये नाम प्रताप बल किसका है |पुरे गुरु क्या अलौकिक चीज हैं इनमे कितनी पावर है” धीरे धीरे साधक प्रेमी समझ समझ कर सतगुरु को धन्यवाद देते हुए चरणो में शीश झुका कर वन्दना करता रहता है | "हे स्वामी नामी मेरे दाता दया कर मेरा खता खोला ,वरना मै इस भौजाल में भटकते आ रही हूँ | अभी कब तक भटकते इसका क्या ज्ञान | हे परम सतगुरु आप ने दया कर इस पापी जीव को उबार लिया है |आप की मेहर से सब आंतरिक नजारे देख रहे हैं |सो हे सतगुरु स्वामी तुम धन्य हो अपार अनामी | **सतगुरु जयगुरुदेव*** ******************* अंतर्घट प्रार्थना ******************* सतगुरु मन मंदिर में तेरे दीप जलाऊंगा | ये नाम भजन माला तेरी हर क्षण फिरायुंगा || बस दया मेहर तेरी तत क्षण रहे स्वामी | कुछ नाम भजन गाऊं बन हिरदय हे स्वामी || इस बुझती दुनियां में उँजियारा करना है | नर मानव जाती को अब फिर से जगाना है || जल जाये ज्योति तेरी, मिला नाम खजाना है | सत सुन्दर हे स्वामी सौभाग्य बनाना है || ***********सतगुरु जयगुरुदेव ******** | ||
गुरु मालिक का सेवादार जयगुरुदेव मंदिर, ग्राम- बड़ेला, पोस्ट - तालगाँव, तहसील - रुदौली, जिला - फैज़ाबाद, उत्तरप्रदेश, भारत संपर्क नो :09651303867 संपर्क सूत्र : 09711862774, 07042343282, 08004021975, 09990313635, 08800228964, 07052705166 |
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सतगुरु जयगुरुदेव जी महाराज का नवीनतम अन्तर्घट सन्देश : | ||
सतगुरु जयगुरुदेव : | ||
अखंड रूप से विराजमान स्वामी जी महाराज का अंतर्घट सन्देश : गुरु महाराज ने गुरु भाई अनिल कुमार गुप्ता ग्राम बड़ेला ,पोस्ट - तालगांव, तहसील - रुदौली, जिला - फैज़ाबाद, उत्तर प्रदेश को लिखवाया: | ||
********अंतरघट प्रार्थना******** सतगुरु तेरे नाम कि मोति |सुमिरत अन्तर दिब्य हो ज्योति| तेरे नाम कि महिमा भारी |सुख पावे सब नर नारी | हे दीन बंधू गुरु सागर |हो दया निधेय सब आगर | हे सरस भाव सुखरासी |हे दिब्य ज्योति अविनासी | करुणा कर मेरे स्वामी |दो ज्ञान दान गुरु नामी || मै मिलूं अचल अंजल |जहाँ वार पार नहीं नामी | उसी में मै मिल जाऊं अनामी |यही मांगन मांगू स्वामी || मालिक ने दया मेहर करके गुरु भाई अनिल कुमार गुप्ता को फिर अंतर की रामायण लिखवाया ********अंतरघट रामायण ******** ज्ञान प्रकाश सब जानै जासु |बड़े भाग्य उर आवै आसु | मिले दया सतगुरु मणि खानिक |मूल चाँद जाने मणि मानिक| प्रभु वेग सतगुरु सतनामा|ध्यान वेग का मूल मुकामा || नयन ध्यान धर ब्याधेव तिल को|बाण साधै सुध को | नाम निशाना नाम धाम की |सतगुरु कृपा मिले नाम की | नाम नयन फोरे एक तारा |देखे पारब्रम्भ का द्वारा|| राग रागनी किरकत ऐसे| नभ में बिजली चमकत जैसे || उजियारा अदभुत जहाँ सोभा |वर्णन कौन विधि कर छोभा || समिट तीर तर नभचर माहि |सतगुरु दया कृपा कर छाहीं| मिलै अलौकिक दिब्य राम कृपा की खानी | कर्म बंधना काट गए ,गुरु निहोरे जानी || बंदौ सतगुरु पद अनुकर्मा,मिटे काल जाल अनुकर्मा || सतसत मिलान सात एक वारा |जिसका कोई न वारा पारा|| विमल विभूति अंतर जनमे,नाम भजन कर अंतर मनमे || कुशल छेम सबकी सब कहना ,सतगुरु मिलन वारि जहाँ रहना || मिर्ग सुगंध नभचर माहि ,वैसे सतगुरु कृपा की छाँही|| नयन नाम नर निरखै तारा |जिसका कोई न वारा पारा | विमल रज रंजन को मिटावहिं ,सतगुरु सुख की छाँव दिलावहिं || नाम नयन मन अंचल ज्योति |पारब्रम्भ सूखत जहाँ कर्म सोती || नाम आधार पार कर ज्ञाना |नाम सतगुरु ज्ञान को जाना || ************************** मिलन सतगुरु नाम से जावोगे उस पार | सतगुरु नाम आधार है ,हो जावो उस पार || ************************** ****सतगुरु जयगुरुदेव *** | ||
गुरु मालिक का सेवादार जयगुरुदेव मंदिर, ग्राम- बड़ेला, पोस्ट - तालगाँव, तहसील - रुदौली, जिला - फैज़ाबाद, उत्तरप्रदेश, भारत संपर्क नो :09651303867 संपर्क सूत्र : 09711862774, 07042343282, 08004021975, 09990313635, 08800228964, 07052705166 |
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सतगुरु जयगुरुदेव : गुरु भाइयों और बहनो गुरु महाराज के द्वारा गुरु भाई अनिल कुमार गुप्ता, अंतर्घट सतगुरु जयगुरुदेव मंदिर, ग्राम - बड़ेला को लिखाये गए अंतर्घट सन्देश दिनाँक: 19 अक्टूबर २०१४ से पहले के शीघ्र ही इस पृष्ठ पर उपलभ्ध होंगे | |